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 Q.1 सुक्षुत के योगदान को बताइये।

Write contribution of sushrut.

Ans.

सुश्रुत के योगदान

सुश्रुत, जिन्हें "भारतीय शल्य चिकित्सा के जनक" के रूप में जाना जाता है, एक प्राचीन भारतीय चिकित्सक और शल्य चिकित्सक थे। वे 1000 ईसा पूर्व और 800 ईसा पूर्व के बीच कहीं रहते थे। उनका सबसे प्रसिद्ध कार्य, सुश्रुत संहिता, शल्य चिकित्सा, प्रसूति, स्त्री रोग, नेत्र विज्ञान, और अन्य चिकित्सा विषयों पर एक व्यापक ग्रंथ है।

सुश्रुत के कुछ प्रमुख योगदानों में शामिल हैं:

  • प्लास्टिक सर्जरी: सुश्रुत को प्लास्टिक सर्जरी के अग्रणी माना जाता है। उन्होंने नाक, कान और होंठों के पुनर्निर्माण के लिए कई तकनीकों का वर्णन किया, जिनका उपयोग आज भी किया जाता है।
  • शल्य चिकित्सा उपकरण: सुश्रुत ने कई शल्य चिकित्सा उपकरणों का आविष्कार किया, जिनमें स्केलपेल, संदंश, और सुई शामिल हैं।
  • शल्य चिकित्सा तकनीक: सुश्रुत ने कई शल्य चिकित्सा तकनीकों का वर्णन किया, जिनमें लैपारोटॉमी, पेरिनेओटॉमी, और ट्रेचियोटॉमी शामिल हैं।
  • अनेस्थीसिया: सुश्रुत ने कई संवेदनाहारी दवाओं का उपयोग किया, जिनमें भांग, अफीम, और मंड्रका शामिल हैं।
  • प्रसूति: सुश्रुत ने प्रसूति और स्त्री रोग पर कई अध्याय लिखे, जिनमें प्रसव, प्रसवोत्तर देखभाल और नवजात शिशु की देखभाल शामिल है।

सुश्रुत के योगदानों का चिकित्सा के क्षेत्र पर गहरा प्रभाव पड़ा है। उनके कार्यों का अनुवाद कई भाषाओं में किया गया है और वे दुनिया भर के चिकित्सकों द्वारा अध्ययन किए जाते हैं.



Q.2 क्रबेस चक्र क्या है?

What is Kreb's cycle.

Ans.


क्रेब्स चक्र, जिसे सिट्रिक एसिड चक्र (Citric Acid Cycle) या ट्राइकार्बोक्सिलिक एसिड चक्र (Tricarboxylic Acid Cycle) भी कहा जाता है, वायु श्वसन की दूसरी अवस्था है। यह कोशिका के माइटोकॉन्ड्रिया में होता है। इस चक्र में, ग्लूकोज के अपघटन से प्राप्त पाइरूविक अम्ल (Pyruvic Acid) का पूर्ण रूप से ऑक्सीकरण होता है, जिसके परिणामस्वरूप कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) और जल (H2O) उत्पन्न होता है, साथ ही साथ ऊर्जा भी मुक्त होती है।

यह चक्र एक चक्र की तरह कार्य करता है, जिसमें प्रत्येक चरण अगले चरण की ओर जाता है। इस चक्र में कुल 8 चरण होते हैं, जिनमें प्रत्येक चरण में एक एंजाइम द्वारा उत्प्रेरित एक रासायनिक प्रतिक्रिया होती है।

क्रेब्स चक्र के महत्वपूर्ण पहलू:

  • ऊर्जा उत्पादन: यह चक्र एटीपी (ATP) के रूप में ऊर्जा का उत्पादन करता है, जो कोशिकाओं के लिए मुख्य ऊर्जा स्रोत है।
  • CO2 उत्पादन: यह चक्र वायुमंडल में CO2 छोड़ता है, जो ग्लोबल वार्मिंग में योगदान देता है।
  • मध्यवर्ती उत्पादों का उपयोग: क्रेब्स चक्र के कुछ मध्यवर्ती उत्पादों का उपयोग अन्य जैविक प्रक्रियाओं में किया जाता है, जैसे कि अमीनो एसिड, न्यूक्लियोटाइड और वसा का संश्लेषण।



Q.3 यूरीहेलाइन जीन क्या है?

What are the Eurihaline animals?

Ans  यूरीहेलाइन जीव वे जीव होते हैं जो विभिन्न लवणता वाले पानी में जीवित रह सकते हैं। वे चरम वातावरण के लिए अनुकूलित होते हैं और विभिन्न प्रकार के जलीय वातावरणों में पाए जा सकते हैं, जैसे कि नदियाँ, झीलें, एस्टुअरी और महासागर।

यूरीहेलाइन जीवों के दो मुख्य प्रकार होते हैं:

  • रेग्यूलेटर: ये जीव अपने आंतरिक तरल पदार्थों में नमक की एकाग्रता को बनाए रखने में सक्षम होते हैं, भले ही बाहरी वातावरण में नमक की एकाग्रता बदल जाए। वे सक्रिय रूप से अपने शरीर से अतिरिक्त नमक को बाहर निकालकर या अधिक नमक अवशोषित करके ऐसा करते हैं।
  • कंफॉर्मर: ये जीव अपने आंतरिक तरल पदार्थों में नमक की एकाग्रता को बाहरी वातावरण की नमक की एकाग्रता के अनुरूप बदलते हैं। वे निष्क्रिय रूप से पानी या नमक को अंदर या बाहर जाने देते हैं ताकि उनके आंतरिक तरल पदार्थों में नमक की एकाग्रता बाहरी वातावरण के बराबर हो जाए।

यूरीहेलाइन जानवरों के कुछ उदाहरणों में शामिल हैं:

  • सालमन
  • ईल
  • झींगा मछली
  • केकड़े
  • सी खींच



Q.4 मांसपेशी फाइवर क्या है।?

What is muscles fiber?

Ans.  

मांसपेशी फाइबर (Muscle Fiber) मांसपेशियों की बुनियादी इकाई होती हैं। वे लंबी, पतली कोशिकाएं होती हैं जो एक साथ बंधी होती हैं और मांसपेशियों के ऊतक बनाती हैं। मांसपेशी फाइबर संकुचन और विश्राम करने में सक्षम होते हैं, जो मांसपेशियों को गति करने की अनुमति देता है।

मांसपेशी फाइबर विभिन्न आकारों में पाए जाते हैं। कुछ मांसपेशी फाइबर बहुत पतले होते हैं, जबकि अन्य बहुत मोटे होते हैं। मांसपेशी फाइबर का आकार उस प्रकार की गतिविधि से निर्धारित होता है जिसके लिए वे उपयोग किए जाते हैं। उदाहरण के लिए, धीमी-चिकोटी वाले मांसपेशी फाइबर आमतौर पर छोटे होते हैं, जबकि तेज़-चिकोटी वाले मांसपेशी फाइबर आमतौर पर बड़े होते हैं।

मांसपेशी फाइबर के बारे में कुछ रोचक तथ्य:

  • मानव शरीर में लगभग 650 मांसपेशियां होती हैं, जिनमें अरबों मांसपेशी फाइबर होते हैं।
  • सबसे लंबी मांसपेशी फाइबर सार्टोरियस मांसपेशी में पाए जाते हैं, जो जांघ में स्थित होती है।
  • सबसे मजबूत मांसपेशी फाइबर जांघ की मांसपेशियों में पाए जाते हैं।
  • मांसपेशी फाइबर जीवन भर नवीनीकृत होते रहते हैं।


Q.5 जनन हार्मोन्स क्या है?

What are Sex hormones?
Ans.

जनन हार्मोन वे रसायन होते हैं जो यौन विकास, प्रजनन और शरीर के अन्य कार्यों को नियंत्रित करते हैं। ये हार्मोन पुरुषों और महिलाओं दोनों में पाए जाते हैं, लेकिन प्रत्येक लिंग में इनका कार्य थोड़ा अलग होता है।

पुरुषों में मुख्य जनन हार्मोन टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) होता है। यह हार्मोन निम्नलिखित कार्यों के लिए जिम्मेदार होता है:

  • पुरुष यौन अंगों का विकास: वृषण, लिंग, और प्रोस्टेट ग्रंथि का विकास
  • शारीरिक बदलाव: शरीर के बालों का विकास, आवाज का गहरा होना, मांसपेशियों का विकास
  • शुक्राणु उत्पादन: प्रजनन क्षमता के लिए आवश्यक
  • यौन इच्छा और कार्य: कामेच्छा और स्तंभन को नियंत्रित करता है
  • आक्रामकता और प्रतियोगिता: पुरुषों के व्यवहार में भूमिका निभाता है

महिलाओं में मुख्य जनन हार्मोन एस्ट्रोजन (Estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) होते हैं। ये हार्मोन निम्नलिखित कार्यों के लिए जिम्मेदार होते हैं:

  • महिला यौन अंगों का विकास: स्तनों, योनि, और गर्भाशय का विकास
  • मासिक धर्म चक्र: मासिक धर्म और अंडाशय से अंडे की रिहाई को नियंत्रित करता है
  • गर्भावस्था: गर्भाशय को गर्भावस्था के लिए तैयार करता है और स्तनों में दूध उत्पादन को उत्तेजित करता है
  • यौन इच्छा और कार्य: कामेच्छा और योनि स्नेहन को नियंत्रित करता है
  • हड्डियों का स्वास्थ्य: एस्ट्रोजन हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है



Q.6 विटामिन्स Cव D के बारे में बताइये।

Write about vitamin C and D.

Ans. 

विटामिन C:

  • स्रोत: खट्टे फल (नारंगी, नींबू, संतरा), टमाटर, हरी मिर्च, ब्रोकली, स्ट्रॉबेरी
  • कार्य:
    • प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है
    • कोलेजन उत्पादन में मदद करता है, जो त्वचा, हड्डियों और जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है
    • एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है, जो कोशिकाओं को क्षति से बचाता है
    • लोहे के अवशोषण में सहायता करता है
  • कमी के लक्षण:
    • थकान
    • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली
    • आसानी से चोट लगना
    • सूखी त्वचा
    • नाक से खून आना

विटामिन D:

  • स्रोत: सूरज की रोशनी, तैलीय मछली (सामन, टूना), अंडे की जर्दी, दूध, दही
  • कार्य:
    • कैल्शियम और फास्फोरस के अवशोषण में सहायता करता है, जो हड्डियों और दांतों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं
    • प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है
    • सूजन को कम करता है
    • कुछ कैंसर और हृदय रोगों के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है
  • कमी के लक्षण:
    • हड्डियों का कमजोर होना
    • रिकेट्स (बच्चों में)
    • मांसपेशियों में दर्द
    • थकान
    • अवसाद



Q.7 शीतनिर्षिक्रयग चर लेख लिखिए।

Write note Herbination.

Ans.

हर्बिनेशन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो वनस्पतियों को ठंडी और अत्यंत शीतकालीन जलवायु के परिस्थितियों से संरक्षित रखती है। यह एक संजीवनी रणनीति है जो उन्हें ठंडे महीनों के दौरान सुरक्षित रखने में मदद करती है, जब पोषण कम होता है और शीतकालीन अवस्थाओं की संभावना होती है।

**हर्बिनेशन की प्रमुख विशेषताएँ:**

1. **रिट्रेसन्टिव जीवनधारा:** हर्बिनेशन का मुख्य लक्ष्य वनस्पतियों को अपने ऊपरी भागों को मरने के लिए बनाए रखने में मदद करना होता है, ताकि वे शीतकालीन अवस्थाओं से बच सकें।

2. **अंतर्निहित संरक्षण:** हर्बिनेशन वनस्पतियों के लिए एक प्राकृतिक संरक्षण तंत्र है, जो उन्हें ठंडी और शीतकालीन मौसम के खिलाफ संरक्षित रखता है। यह उनकी बुद्धिमत्ता को बढ़ाने का एक प्रकार है जिससे वे अपने आसपास की परिस्थितियों के लिए अधिक प्रतिसादी बन सकते हैं।

**निष्क्रियता की स्थिति:** हर्बिनेशन के दौरान, वनस्पतियों की संवेदनशीलता और क्रियाशीलता कम हो जाती है, जो उन्हें ठंडी मौसम के दौरान ऊर्जा की बचत करने में मदद करता है। इसके परिणामस्वरूप, उन्ह


Q.8 मूत्र संबंधी विकारो (रोगों) का वर्णन कीजिए।

Describe the urinary disorders.

Ans.

मूत्र संबंधी विकार (Urinary Disorders)

मूत्र संबंधी विकार वे स्थितियां हैं जो मूत्र तंत्र को प्रभावित करती हैं। मूत्र तंत्र में मूत्रमार्ग, मूत्राशय, मूत्रवाहिनी और गुर्दे शामिल होते हैं। मूत्र संबंधी विकार कई कारणों से हो सकते हैं, जिनमें संक्रमण, चोट, जन्मजात दोष और पुरानी बीमारियां शामिल हैं।

मूत्र संबंधी विकारों के कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

  • बार-बार पेशाब आना: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपको सामान्य से अधिक बार पेशाब आता है, खासकर रात में।
  • पेशाब करने में कठिनाई: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपको पेशाब करने में परेशानी होती है या मूत्र का प्रवाह कमजोर होता है।
  • पेशाब में जलन या दर्द: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपको पेशाब करते समय जलन या दर्द महसूस होता है।
  • पेशाब में खून आना: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपके मूत्र में रक्त होता है।
  • मूत्र असंयम: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें आप अपनी इच्छा के विरुद्ध मूत्र खो देते हैं।

मूत्र संबंधी विकारों के कुछ सामान्य प्रकारों में शामिल हैं:

  • मूत्रमार्ग संक्रमण (UTI): यह एक संक्रमण है जो मूत्रमार्ग को प्रभावित करता है। UTI महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक आम हैं।
  • मूत्राशय संक्रमण (Cystitis): यह एक संक्रमण है जो मूत्राशय को प्रभावित करता है।
  • गुर्दे की पथरी: ये कठोर जमा होते हैं जो मूत्रवाहिनी या गुर्दे में बनते हैं।
  • गुर्दे की विफलता: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें गुर्दे ठीक से काम करना बंद कर देते हैं।
  • प्रोस्टेट की समस्याएं: ये पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि को प्रभावित करने वाली समस्याएं हैं।
  • मूत्रमार्ग की रुकावट: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें मूत्रमार्ग में रुकावट होती है, जिससे मूत्र का प्रवाह बाधित होता है।



Q.9 मांसपेशीय विकारों (रोगों) के बारे में लिजिए।

Write about muscular disorders.

Ans. 

मांसपेशीय विकार (Muscular Disorders)

मांसपेशीय विकार वे स्थितियां हैं जो मांसपेशियों को प्रभावित करती हैं। मांसपेशियां शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को गति प्रदान करती हैं, इसलिए मांसपेशीय विकार गतिशीलता, संतुलन और समन्वय को प्रभावित कर सकते हैं। मांसपेशीय विकार कई कारणों से हो सकते हैं, जिनमें आनुवंशिकी, संक्रमण, चोट और ऑटोइम्यून बीमारियां शामिल हैं।

मांसपेशीय विकारों के कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

  • मांसपेशियों की कमजोरी: यह थकान, चलने में कठिनाई और भारी वस्तुओं को उठाने में कठिनाई का कारण बन सकता है।
  • मांसपेशियों में दर्द: यह तेज या दर्दनाक हो सकता है, और यह आराम करने या गतिविधि के दौरान हो सकता है।
  • मांसपेशियों में ऐंठन: यह अनैच्छिक संकुचन है जो दर्दनाक और अक्षम कर सकता है।
  • मांसपेशियों का बर्बाद होना: यह मांसपेशियों के आकार और शक्ति में कमी का कारण बनता है।
  • संतुलन और समन्वय की समस्याएं: इससे गिरने और चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है।

मांसपेशीय विकारों के कुछ सामान्य प्रकारों में शामिल हैं:

  • पेशी क्षय (Muscular Dystrophy): यह एक आनुवंशिक विकार है जो मांसपेशियों को धीरे-धीरे कमजोर और नष्ट करता है। 
  • मायोटोनिक डिस्ट्रॉफी (Myotonic Dystrophy): यह एक और आनुवंशिक विकार है जो मांसपेशियों को कमजोर करता है और उन्हें आराम करने में कठिनाई होती है।
  • मायस्थेनिया ग्रेविस (Myasthenia Gravis): यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो मांसपेशियों को मस्तिष्क से संकेतों को प्राप्त करने में कठिनाई का कारण बनती है।
  • फाइब्रोमायलगिया (Fibromyalgia): यह एक पुरानी स्थिति है जो व्यापक मांसपेशियों में दर्द, थकान और नींद की समस्याओं का कारण बनती है।
  • अमायोट्रोफिक लैटरल स्क्लेरोसिस (Amyotrophic Lateral Sclerosis, ALS): यह एक अपक्षयी तंत्रिका तंत्र रोग है जो मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाली मोटर न्यूरॉन्स को नष्ट करता है।



Q.10 जनन हार्मोन्स के प्रकारों का वर्णन कीजिए।

Describe Types of reproductive the hormonesductive the hormones.

Ans.

जनन हार्मोन (Sex Hormones) के प्रकार:

जनन हार्मोन दो मुख्य प्रकार के होते हैं:

1. पुरुष जनन हार्मोन (Androgens):

  • टेस्टोस्टेरोन (Testosterone): यह मुख्य पुरुष जनन हार्मोन है। यह निम्नलिखित कार्यों के लिए जिम्मेदार होता है:
    • पुरुष यौन अंगों का विकास: वृषण, लिंग, और प्रोस्टेट ग्रंथि का विकास
    • शारीरिक बदलाव: शरीर के बालों का विकास, आवाज का गहरा होना, मांसपेशियों का विकास
    • शुक्राणु उत्पादन: प्रजनन क्षमता के लिए आवश्यक
    • यौन इच्छा और कार्य: कामेच्छा और स्तंभन को नियंत्रित करता है
    • आक्रामकता और प्रतियोगिता: पुरुषों के व्यवहार में भूमिका निभाता है
  • डायहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन (DHT): यह टेस्टोस्टेरोन का एक मजबूत रूप है जो बालों के झड़ने और प्रोस्टेट ग्रंथि के विकास में भूमिका निभाता है।

2. महिला जनन हार्मोन (Estrogens and Progesterone):

  • एस्ट्रोजन (Estrogen): यह मुख्य महिला जनन हार्मोन है। यह निम्नलिखित कार्यों के लिए जिम्मेदार होता है:
    • महिला यौन अंगों का विकास: स्तनों, योनि, और गर्भाशय का विकास
    • मासिक धर्म चक्र: मासिक धर्म और अंडाशय से अंडे की रिहाई को नियंत्रित करता है
    • गर्भावस्था: गर्भाशय को गर्भावस्था के लिए तैयार करता है और स्तनों में दूध उत्पादन को उत्तेजित करता है
    • यौन इच्छा और कार्य: कामेच्छा और योनि स्नेहन को नियंत्रित करता है
    • हड्डियों का स्वास्थ्य: एस्ट्रोजन हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है
  • प्रोजेस्टेरोन (Progesterone): यह गर्भावस्था के लिए महत्वपूर्ण हार्मोन है। यह निम्नलिखित कार्यों के लिए जिम्मेदार होता है:
    • गर्भाशय की लाइनिंग को मोटा करना: यह एक भ्रूण को प्रत्यारोपित करने के लिए आवश्यक है
    • स्तनपान को उत्तेजित करना: यह दूध उत्पादन को शुरू करने और बनाए रखने में मदद करता है
    • मासिक धर्म चक्र: यह एस्ट्रोजन के साथ मिलकर काम करता है मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करने के लिए


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