कोई टाइटल नहीं

 

लघुउत्तरीय प्रश्न (2 अंक)


प्रश्न 1: काँडेटस की विशेषताएं:

  • नोटोकॉर्ड: यह एक लचीला, तंत्रिका-युक्त छड़ है जो शरीर की लंबाई के साथ चलती है और समर्थन और गति प्रदान करती है।
  • गुहिका: यह तंत्रिका तंत्र को घेरने वाला एक खोखला ट्यूब है।
  • फांकदार गलफड़े: ये श्वसन के लिए पानी या हवा को फिल्टर करने वाले अंग हैं।
  • अंतस्थ कंकाल: यह आंतरिक रूप से स्थित होता है और शरीर को समर्थन और सुरक्षा प्रदान करता है।
  • मांसपेशीय पूंछ: यह गति और संतुलन में सहायता करती है।
  • बंद संचार प्रणाली: रक्त वाहिकाओं के माध्यम से रक्त बहता है।
  • द्विपक्षीय समरूपता: शरीर दाएं और बाएं भागों में सममित होता है।

प्रश्न 2: पैतृक रक्षण क्या है?

पैतृक रक्षण वह व्यवहार है जो माता-पिता अपने बच्चों की सुरक्षा और देखभाल के लिए करते हैं। इसमें भोजन प्रदान करना, शिकारियों से रक्षा करना, आश्रय प्रदान करना और बच्चों को जीवन कौशल सिखाना शामिल हो सकता है। पैतृक रक्षण विभिन्न प्रजातियों में भिन्न होता है, लेकिन यह सभी जानवरों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।


प्रश्न 3: प्रवासन के क्या लाभ हैं?

प्रवासन जानवरों के लिए कई लाभ प्रदान करता है, जिनमें शामिल हैं:

  • भोजन की तलाश: प्रवास जानवरों को भोजन के नए स्रोतों तक पहुंचने की अनुमति देता है, खासकर जब मौसमी परिवर्तन उनके वर्तमान निवास स्थान में भोजन की कमी का कारण बनते हैं।
  • प्रजनन: कुछ जानवर प्रजनन करने के लिए अनुकूल परिस्थितियों की तलाश में प्रवास करते हैं।
  • शिकारियों से बचाव: प्रवास जानवरों को शिकारियों से बचने में मदद कर सकता है, खासकर यदि शिकारी एक निश्चित क्षेत्र में केंद्रित होते हैं।
  • अनुकूल वातावरण की तलाश: प्रवास जानवरों को अधिक अनुकूल तापमान और जलवायु वाले क्षेत्रों तक पहुंचने की अनुमति देता है।

प्रश्न 4: शल्क के उपयोग क्या हैं?

शलक मछली, सरीसृप और कुछ पक्षियों की त्वचा को ढकने वाली पतली, कठोर प्लेटें होती हैं। उनके कई उपयोग हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • सुरक्षा: शिकारियों से रक्षा करते हैं और शरीर को चोटों से बचाते हैं।
  • जलरोधक: शरीर को पानी से बचाते हैं और मछली को पानी में आसानी से तैरने में मदद करते हैं।
  • तापमान विनियमन: शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
  • संवेदी अंग: कुछ शल्कों में तंत्रिका अंत होते हैं जो जानवर को उसके परिवेश के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।
  • गतिशीलता: कुछ शल्कों को गतिशीलता प्रदान करने के लिए जोड़ा जाता है, जैसे कि सांपों के पेट के शल्क जो उन्हें जमीन पर रेंगने में मदद करते हैं।


प्रश्न 5: सिनैप्स (युग्मानुबंध) क्या हैं?

सिनैप्स दो न्यूरॉन्स के बीच जंक्शन होते हैं जो तंत्रिका आवेगों को एक न्यूरॉन से दूसरे में प्रसारित करते हैं। वे तंत्रिका तंत्र के संचार के लिए आवश्यक हैं। सिनैप्स दो प्रकार के होते हैं:

  • रासायनिक सिनैप्स: इन सिनैप्स में, न्यूरोट्रांसमीटर नामक रसायन न्यूरॉन से न्यूरॉन तक संकेतों को प्रसारित करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
  • विद्युत सिनैप्स: इन सिनैप्स में, विद्युत धारा न्यूरॉन से न्यूरॉन तक संकेतों को प्रसारित करने के लिए उपयोग की जाती है।



दीर्घउत्तरीय प्रश्न (4 अंक)

Q.6 प्रतिगामी कायांतरण को समझाइये।

प्रतिगामी कायांतरण एक जैविक प्रक्रिया है जिसमें एक जीव अपने विकास के दौरान पहले से मौजूद विशेषताओं को खो देता है। यह अक्सर परजीवी या अप्रचलित जीवन शैली वाले जीवों में देखा जाता है। प्रतिगामी कायांतरण के कुछ उदाहरणों में शामिल हैं:

  • आँखों का खोना: कुछ गुफा में रहने वाले जीवों ने अपनी आँखें खो दी हैं क्योंकि उन्हें अंधेरे में देखने की आवश्यकता नहीं होती है।
  • पंखों का खोना: कुछ उड़ने वाले जानवरों, जैसे कि उड़नहीन पक्षी, ने अपने पंखों को खो दिया है क्योंकि उन्हें अब उड़ने की आवश्यकता नहीं है।
  • पाचन तंत्र का सरलीकरण: कुछ परजीवी जीवों ने अपने पाचन तंत्र को सरल कर दिया है क्योंकि उन्हें अपने मेजबान से पोषक तत्व प्राप्त होते हैं।

प्रतिगामी कायांतरण प्राकृतिक चयन का एक परिणाम है। जब एक जीव की विशेषताएं उसके अस्तित्व के लिए फायदेमंद नहीं रह जाती हैं, तो वे समय के साथ खो सकती हैं। यह जीव को ऊर्जा बचाने और अधिक कुशलता से संसाधनों का उपयोग करने में मदद कर सकता है।



Q.7 विषयुक्त व विषहीन संपो पर लेख लिखिए ।

विषयुक्त सर्प:

विषयुक्त सर्प वे सर्प होते हैं जिनमें जहर होता है जिसे वे अपने शिकार को मारने या शिकारियों से खुद को बचाने के लिए इंजेक्ट करते हैं। जहर आमतौर पर विष दांतों के माध्यम से इंजेक्ट किया जाता है। विषयुक्त सर्पों के दो मुख्य प्रकार होते हैं:

  • वाइपरिड्स: इनमें वाइपर, रैटलस्नेक और कॉपरहेड शामिल हैं। वाइपरिड्स में हेमोटॉक्सिन होता है, जो रक्त कोशिकाओं को नष्ट करता है और ऊतकों को नुकसान पहुंचाता है।
  • एलापिड्स: इनमें कोबरा, मम्बा और करैत शामिल हैं। एलापिड्स में न्यूरोटॉक्सिन होता है, जो तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है और पक्षाघात का कारण बन सकता है।

विषहीन सर्प:

विषहीन सर्प वे सर्प होते हैं जिनमें जहर नहीं होता है। वे अपने शिकार को मारने के लिए दांतों से काटने या घोंटने पर भरोसा करते हैं। विषहीन सर्पों में कई अलग-अलग समूह शामिल हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • कोलोब्रिड्स: इनमें मकई के सांप, गार्डन सांप और रॉक सांप शामिल हैं। कोलोब्रिड्स आमतौर पर छोटे होते हैं और वे कीड़े और छिपकलियों का शिकार करते हैं।
  • बोइडे: इनमें पायथन और बोआ कंस्ट्रिक्टर शामिल हैं। बोइडे बड़े होते हैं और वे स्तनधारियों और पक्षियों का शिकार करते हैं।

विषयुक्त और विषहीन सर्पों के बीच अंतर:

विशेषताविषयुक्त सर्पविषहीन सर्प
जहरमौजूदअनुपस्थित
विष दांतमौजूदअनुपस्थित
शिकार को मारने का तरीकाइंजेक्शन द्वारा जहरकाटने या घोंटने द्वारा
आकारविभिन्न आकारविभिन्न आकार
आहारविभिन्न प्रकार के जानवरकीड़े, छिपकली, स्तनधारी, पक्षी



Q.8

पक्षियों में उड़ान अनुकूलन (Flight Adaptations in Birds)

पक्षी उड़ान भरने के लिए अनेक शारीरिक और शारीरिक अनुकूलनों से सुसज्जित होते हैं, जिनमें शामिल हैं:

शारीरिक अनुकूलन:

  • हल्के वजन का कंकाल: पक्षियों की हड्डियाँ खोखली और हवा से भरी होती हैं, जिससे उनका वजन कम हो जाता है।
  • पंख: उड़ान के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार, पंख मजबूत और हल्के होते हैं, और पंखों में पंखों वाले पंख होते हैं जो लिफ्ट और थ्रस्ट प्रदान करते हैं।
  • शक्तिशाली उड़ान की मांसपेशियां: पक्षियों की छाती की मांसपेशियां बड़ी और मजबूत होती हैं, जो उन्हें पंखों को हिलाने के लिए आवश्यक शक्ति प्रदान करती हैं।
  • हल्के शरीर: पक्षियों में पतली त्वचा, कम वसा और छोटी आंत होती है, जो उनके समग्र वजन को कम करने में मदद करती है।
  • वायु थैली: पक्षियों की हड्डियों में हवा से भरी थैलियाँ होती हैं जो श्वसन और उड़ान में सहायता करती हैं।

शारीरिक अनुकूलन:

  • दृष्टि: पक्षियों में तीक्ष्ण दृष्टि होती है, जो उन्हें शिकार ढूंढने और हवा में नेविगेट करने में मदद करती है।
  • संतुलन: पक्षियों में आंतरिक कान और संतुलन अंग होते हैं जो उन्हें हवा में स्थिर रहने में मदद करते हैं।
  • श्वसन: पक्षियों में कुशल श्वसन प्रणाली होती है जो उन्हें उड़ान के दौरान पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्त करने में मदद करती है।
  • चयापचय: पक्षियों में उच्च चयापचय दर होती है जो उन्हें उड़ान के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करती है।


Q.9

त्वचा के व्युत्पन्न (Derivatives of Skin)

त्वचा के अनेक व्युत्पन्न होते हैं जो विभिन्न कार्यों को करते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • बाल: स्तनधारियों में पाए जाते हैं, जो शरीर को इन्सुलेट करते हैं और गर्मी प्रदान करते हैं।
  • पंख: पक्षियों में पाए जाते हैं, जो उड़ान के लिए आवश्यक होते हैं।
  • तराजू: सरीसृपों में पाए जाते हैं, जो त्वचा को सूखने से बचाते हैं।
  • पंजे: पक्षियों और सरीसृपों में पाए जाते हैं, जो उन्हें पकड़ने और चढ़ने में मदद करते हैं।
  • चोंच: पक्षियों में पाई जाती है, जो उन्हें भोजन खाने और घोंसले बनाने में मदद करती है।
  • सींग: स्तनधारियों में पाए जाते हैं, जो रक्षा और भोजन प्राप्ति के लिए उपयोग किए जाते हैं।
  • ग्रंथियां: पसीने, तेल और दूध जैसी विभिन्न प्रकार की चीजों का उत्पादन करती हैं।

Q.10

कशेरुकियों में संवेदी अंग (Sensory Organs in Vertebrates)

कशेरुकी विभिन्न प्रकार के संवेदी अंगों से सुसज्जित होते हैं जो उन्हें अपने आसपास के वातावरण से जानकारी प्राप्त करने में मदद करते हैं। इनमें शामिल हैं:

  • आँखें: दृष्टि प्रदान करते हैं।
  • कान: सुनवाई प्रदान करते हैं।
  • नाक: गंध प्रदान करते हैं।
  • जीभ: स्वाद प्रदान करती है।
  • त्वचा: स्पर्श, तापमान और दर्द का अनुभव करती है।
  • संतुलन अंग: संतुलन और गति का पता लगाने में मदद करते हैं।

इन संवेदी अंगों से प्राप्त जानकारी मस्तिष्क द्वारा संसाधित की जाती है, जो जानवरों को उनके वातावरण के अनुसार प्रतिक्रिया करने की अनुमति देती है।


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