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लघुउत्तरीय प्रश्न (02 अंक)


प्रश्न 1: काष्ठ की सी जनिंग (संशोषण)

काष्ठ संशोषण (Seasoning of Wood) एक प्रक्रिया है जिसमें लकड़ी में मौजूद नमी की मात्रा को कम किया जाता है। यह लकड़ी को मजबूत, टिकाऊ और विकृति-रोधी बनाता है। संशोषण दो प्रकार का होता है:

  • प्राकृतिक संशोषण: लकड़ी को हवा में खुले में रखकर धीरे-धीरे सुखाया जाता है। यह एक लंबी और धीमी प्रक्रिया है, लेकिन यह कम खर्चीली है।
  • कृत्रिम संशोषण: लकड़ी को ओवन, भट्टी या किल्न में सुखाकर नमी को कम किया जाता है। यह एक तेज प्रक्रिया है, लेकिन यह अधिक खर्चीली भी है।

प्रश्न 2: दोना पत्तल बनाने की विधि

दोना पत्तल (Dona Pattal) पत्तों से बने प्लेट और कप होते हैं जिनका उपयोग भोजन परोसने के लिए किया जाता है। इन्हें बनाने की विधि इस प्रकार है:

  1. पत्तियों का चयन: ताजे, मजबूत और साफ पत्तों का चयन करें।
  2. पत्तियों को साफ करना: पत्तियों को पानी से धोकर साफ करें।
  3. पत्तियों को उबालना: पत्तियों को गर्म पानी में उबालें।
  4. पत्तियों को दबाना: उबले हुए पत्तों को एक ढांचे पर दबाकर चपटा करें।
  5. पत्तियों को सुखाना: चपटे हुए पत्तों को धूप में सुखाएं।
  6. दोना पत्तल तैयार: सूखे हुए पत्ते दोना पत्तल बन जाते हैं।

प्रश्न 3: वास्यशील तेल क्या है?

वास्यशील तेल (Essential Oil) पौधों के विभिन्न भागों से निकाले जाने वाले केंद्रित, सुगंधित द्रव्य होते हैं। इनमें विभिन्न प्रकार के रसायन होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकते हैं। वास्यशील तेलों का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जाता है, जैसे कि:

  • अरोमाथेरेपी: सुगंध तेलों का उपयोग तनाव, चिंता और दर्द को कम करने के लिए किया जाता है।
  • मसाज: सुगंध तेलों का उपयोग मांसपेशियों की ऐंठन और दर्द को कम करने के लिए किया जाता है।
  • त्वचा देखभाल: सुगंध तेलों का उपयोग त्वचा को हाइड्रेट करने और पोषण देने के लिए किया जाता है।


प्रश्न 4: गुलाब इत्र के उपयोग एवं लाभ

गुलाब इत्र (Rose Perfume) एक लोकप्रिय सुगंध है जिसे गुलाब के फूलों से बनाया जाता है। गुलाब इत्र के उपयोग एवं लाभ इस प्रकार हैं:

  • सुगंध: गुलाब इत्र एक सुखद और मधुर सुगंध प्रदान करता है।
  • मनोदशा में सुधार: गुलाब इत्र तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में मदद कर सकता है।
  • त्वचा देखभाल: गुलाब इत्र त्वचा को हाइड्रेट करने और पोषण देने में मदद कर सकता है।
  • रोमांटिक: गुलाब इत्र को अक्सर रोमांटिक माहौल बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।


प्रश्न 5: किण्वन क्या है? किण्वन के प्रकार

किण्वन (Fermentation) एक जैव रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें सूक्ष्मजीव (जैसे कि बैक्टीरिया या खमीर) कार्बोहाइड्रेट को शराब या कार्बन डाइऑक्साइड में बदलते हैं। किण्वन का उपयोग विभिन्न प्रकार के उत्पादों को बनाने के लिए किया जाता है, जैसे कि:

  • शराब: शराब बनाने के लिए खमीर का उपयोग शर्करा को इथेनॉल में बदलने के लिए किया जाता है।
  • बीयर: बीयर बनाने के लिए खमीर का उपयोग अनाज के शर्करा को इथेनॉल में बदलने के लिए किया जाता है।


दीर्घउत्तरीय प्रश्न (04 अंक)


प्रश्न 6: शर्करा उद्योग का आर्थिक महत्व

शर्करा उद्योग भारत की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में महत्वपूर्ण योगदान देता है और लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करता है। शर्करा उद्योग के कुछ प्रमुख आर्थिक महत्व इस प्रकार हैं:

  • रोजगार सृजन: शर्करा उद्योग लाखों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करता है। इसमें किसान, मजदूर, मिल कर्मचारी, परिवहन कर्मी और विक्रेता शामिल हैं।
  • आय सृजन: शर्करा उद्योग किसानों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। गन्ने की बिक्री से किसानों को अच्छी आय होती है, जिससे वे अपनी जीवन स्तर को बेहतर बना सकते हैं।
  • कर राजस्व: शर्करा उद्योग सरकार के लिए कर राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। सरकार गन्ने और चीनी पर कर लगाती है, जिससे सरकार को आय होती है।
  • ग्रामीण विकास: शर्करा उद्योग ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गन्ने की खेती से किसानों की आय बढ़ती है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में विकास होता है।
  • अन्य उद्योगों को बढ़ावा: शर्करा उद्योग अन्य उद्योगों को भी बढ़ावा देता है। चीनी का उपयोग विभिन्न प्रकार के उत्पादों को बनाने में किया जाता है, जैसे कि बिस्कुट, मिठाई, पेय पदार्थ और दवाएं।

प्रश्न 7: PMEGY के उद्देश्य, विशेषताएं और ऋण प्राप्त करने की शर्तें

प्रधानमंत्री सूक्ष्म उद्यम रोजगार सृजन योजना (PMEGY) एक योजना है जिसका उद्देश्य सूक्ष्म उद्योगों (एसएमई) को स्थापित करने और उनका विस्तार करने में सहायता करना है। इस योजना के तहत, सरकार एसएमई को ऋण और अनुदान प्रदान करती है।

PMEGY के उद्देश्य:

  • रोजगार सृजन: PMEGY का मुख्य उद्देश्य देश में रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है।
  • उद्यमिता को बढ़ावा देना: PMEGY का उद्देश्य देश में उद्यमिता को बढ़ावा देना है।
  • एसएमई को सशक्त बनाना: PMEGY का उद्देश्य एसएमई को सशक्त बनाना है ताकि वे प्रतिस्पर्धी बन सकें।

PMEGY की विशेषताएं:

  • आसान ऋण: PMEGY के तहत, एसएमई को आसान शर्तों पर ऋण प्राप्त होता है।
  • अनुदान: PMEGY के तहत, एसएमई को अनुदान भी प्रदान किया जाता है।
  • कौशल विकास: PMEGY के तहत, एसएमई को कौशल विकास प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है।

PMEGY के तहत ऋण प्राप्त करने की शर्तें:

  • आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए।
  • आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
  • आवेदक का कोई व्यवसायिक अनुभव होना चाहिए।
  • आवेदक के पास परियोजना के लिए विस्तृत योजना होनी चाहिए।
  • आवेदक को बैंक से जमानत जमा करनी होगी।


प्रश्न 8: विभिन्न प्रकार के फलों के अचार बनाने की विधि

फलों के अचार (Fruit Pickle) एक स्वादिष्ट और लोकप्रिय व्यंजन है जिसे विभिन्न प्रकार के फलों से बनाया जा सकता है। अचार बनाने की विधि फल के प्रकार और स्वाद के अनुसार भिन्न हो सकती है, लेकिन कुछ सामान्य चरण इस प्रकार हैं:

सामग्री:

  • फल (आपकी पसंद के अनुसार)
  • नमक
  • सरसों का तेल
  • लाल मिर्च पाउडर
  • हल्दी पाउडर
  • मेथी दाना
  • राई
  • हींग
  • कड़ी पत्ता
  • लहसुन
  • अदरक

विधि:

  1. फलों को अच्छी तरह धोकर सुखा लें।
  2. फलों को मनचाहे आकार में काट लें।
  3. एक कटोरे में नमक और पानी मिलाकर नमक का पानी तैयार करें।
  4. फलों को नमक के पानी में 24 घंटे के लिए भिगो दें।
  5. 24 घंटे बाद, फलों को पानी से निकालकर सुखा लें।
  6. एक कड़ाही में सरसों का तेल गरम करें।
  7. गरम तेल में मेथी दाना, राई और हींग डालकर तड़का दें।
  8. कड़ी पत्ता, लहसुन और अदरक डालकर भूनें।
  9. लाल मिर्च पाउडर और हल्दी पाउडर डालकर भूनें।
  10. नमक के पानी से निकाले हुए फल डालकर अच्छी तरह मिलाएं।
  11. थोड़ा पानी डालकर ढककर पकाएं।
  12. जब फल नरम हो जाएं और अचार का तेल अलग होने लगे, तो गैस बंद कर दें।
  13. अचार को ठंडा होने दें और फिर कांच के जार में भरकर रखें।

विभिन्न प्रकार के फलों के अचार:

  • आम का अचार: आम का अचार सबसे लोकप्रिय भारतीय अचारों में से एक है। इसे कच्चे या पके आम से बनाया जा सकता है।
  • करौंदा का अचार: करौंदा का अचार खट्टा-मीठा और स्वादिष्ट होता है।
  • गाजर का अचार: गाजर का अचार एक कुरकुरा और स्वादिष्ट अचार है।
  • नींबू का अचार: नींबू का अचार खट्टा और तीखा होता है।
  • मिरच का अचार: मिरच का अचार तीखा और स्वादिष्ट होता है।


प्रश्न 9: खाद्य रंग क्या है? खाद्य रंगों के स्रोतों एवं प्रकारों का वर्णन कीजिए।

खाद्य रंग (Food Color) खाद्य पदार्थों को आकर्षक और मनभावन बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले रंगीन पदार्थ होते हैं। प्राकृतिक और कृत्रिम दोनों प्रकार के खाद्य रंग उपलब्ध हैं।

खाद्य रंगों के स्रोत:

  • प्राकृतिक स्रोत: प्राकृतिक खाद्य रंग फल, सब्जियां, मसाले और अन्य प्राकृतिक पदार्थों से प्राप्त किए जाते हैं। इनमें आमतौर पर कोई स्वास्थ्य जोखिम नहीं होता है। प्राकृतिक खाद्य रंगों के कुछ उदाहरणों में बीट रूट पाउडर, हल्दी, और एनाट्टो शामिल हैं।
  • कृत्रिम स्रोत: कृत्रिम खाद्य रंग रसायनों से बने होते हैं। इनका उपयोग अक्सर प्राकृतिक खाद्य रंगों की तुलना में अधिक होता है क्योंकि वे अधिक स्थिर होते हैं और रंगों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करते हैं। कृत्रिम खाद्य रंगों के कुछ उदाहरणों में FD&C रेड 40, टार्टाजीन, और सनसेट पीला शामिल हैं।

खाद्य रंगों के प्रकार:

  • वाटर-सॉल्यूबल खाद्य रंग: ये रंग पानी में घुलनशील होते हैं और पेय पदार्थों, सॉस और आइसिंग जैसे तरल खाद्य पदार्थों को रंगने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
  • ऑयल-सॉल्यूबल खाद्य रंग: ये रंग वसा में घुलनशील होते हैं और चॉकलेट, मक्खन और तेल जैसे वसायुक्त खाद्य पदार्थों को रंगने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
  • ड्राई पाउडर खाद्य रंग: ये रंग सूखे पाउडर के रूप में उपलब्ध होते हैं और उन्हें सीधे खाद्य पदार्थों में मिलाया जा सकता है या पानी या तेल में घोलकर तरल रूप में उपयोग किया जा सकता है।

खाद्य रंगों का उपयोग करते समय सावधानियां:

  • खाद्य रंगों का उपयोग कम मात्रा में करें।
  • यदि आपको एलर्जी या संवेदनशीलता है तो खाद्य रंगों के लेबल को ध्यान से पढ़ें।
  • छोटे बच्चों को खाद्य रंगों वाले खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करें।

प्रश्न 10: बाँस आधारित उद्योग पर एक निबंध

बाँस आधारित उद्योग

बाँस एक बहुमुखी और टिकाऊ प्राकृतिक संसाधन है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के उत्पादों को बनाने के लिए किया जा सकता है। बाँस आधारित उद्योग तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि लोग अधिक टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों की तलाश कर रहे हैं।

बाँस के उत्पादों के कुछ उदाहरण:

  • निर्माण सामग्री: बाँस का उपयोग फर्श, दीवारें, छत और फर्नीचर बनाने के लिए किया जा सकता है। यह मजबूत, टिकाऊ और हल्का होता है, और इसे आसानी से संसाधित किया जा सकता है।
  • कपड़े: बाँस के रेशे का उपयोग कपड़े, तौलिये और चादरें बनाने के लिए किया जा सकता है। यह नरम, सांस लेने योग्य और शोषक होता है, और इसमें जीवाणुरोधी गुण होते हैं।
  • कागज: बाँस का उपयोग कागज, टॉयलेट पेपर और कार्डबोर्ड बनाने के लिए किया जा सकता है। यह पेड़ों से बने कागज की तुलना में अधिक टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल होता है।
  • भोजन: बाँस के अंकुर और पत्तियों का उपयोग खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में किया जा सकता है। ये पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और इनमें कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं।

बाँस आधारित उद्योग के लाभ:

  • पर्यावरण के अनुकूल: बाँस एक नवीकरणीय संसाधन है जो जल्दी से बढ़ता है।

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